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स्योहारा (बिजनौर) —
स्योहारा की गली-गली में इन दिनों एक फेसबुक पोस्ट ने नई बहस छेड़ दी है। यह पोस्ट किसी राजनेता या बाहरी व्यक्ति की नहीं, बल्कि स्योहारा के ही सपूत और पूर्व चेयरमैन अख़्तर जलील के भतीजे सुबहान रबी उद्दीन की है, जो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है।
सुबहान रबी उद्दीन, जो कि मशहूर समाजसेवी जनाब रबी साहब के बेटे हैं, ने अपने विचारों के माध्यम से ना सिर्फ़ नगर की समस्याओं पर आवाज़ बुलंद की, बल्कि एक आधुनिक, प्रगतिशील और युवाओं के सपनों वाले स्योहारा की झलक भी पेश की है।
🧭 स्योहारा का भविष्य तय करेंगे उसके युवा?
इससे पहले सोशल मीडिया पर कपिल शर्मा जी द्वारा स्योहारा की तीन मुख्य समस्याओं — सड़क, बिजली और पानी — का ज़िक्र किया गया था। इन्हीं बातों को आगे बढ़ाते हुए सुबहान ने अपने फेसबुक पोस्ट में Health, Education और Employment जैसे तीन मजबूत स्तंभों को आधार बनाते हुए एक ठोस दिशा सुझाई।
📢 क्या है सुबहान रबी उद्दीन का Big Development Vision? Seohara Latest News
यहाँ पढ़िए उनका पूरा फेसबुक पोस्ट जो उन्होंने दो दिन पहले शेयर किया था —
“बड़े भाई कपिल शर्मा जी ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए स्योहारा की तीन मुख्य समस्याओं का ज़िक्र किया —
में भी उसमे अपनी आवाज़ शामिल करके कुछ और बातें रखना चाहूँगा — सड़क, बिजली, पानी और कूड़े से ऊपर उठकर, क्यूंकि असल डेवलपमेंट शहर की आवाम की सोच में तब्दीली से ही आता है। जिस शहर में पैदा हुए, बचपन गुज़रा, उसके कल की ज़िम्मेदारी भी हमें ही लेनी है।
👣 — Health
• आज के दौर में हर बड़ी बीमारी का इलाज एक छोटी सी आदत में छुपा है, रोज़ाना 10000 कदम चलने से हर बीमारी को लगभग 80% रोका जा सकता है। इसके लिए हमें वॉकिंग ट्रैक्स, फिटनेस ज़ोन और इंडोर गेम्स के लिए स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स जैसी सहूलतें होनी चाहिए ताकि हर उम्र का शहरी सेहतमंद ज़िंदगी की तरफ़ कदम बढ़ा सके।
📚 — Education
• शहरों में बच्चे 9th क्लास में आते ही जान लेते हैं की उनका रास्ता क्या है — NEET, IIT/JEE, GMAT या फिर ARTS? लेकिन हमारे शहर में अक्सर माँ बाप भी नहीं जानते की इनके बच्चों की सलाहियत क्या है, वह महज़ किसी पढ़े लिखे शख़्स से मशविरा लेकर बच्चों का मुस्तक़बिल तय कर देते हैं। हमें यहाँ ऐसे मयारी स्कूल चाहिए जो बच्चों की सलाहियत को पहचानें और इन्हें इनके ख़्वाबों का रास्ता दिखाये।
🏭 — Employment
• शुगर मिल — ये सिर्फ़ धुआँ नहीं, रोशनी भी दे सकता है।
ये हमारे शहर का फ़ख़्र और हमारी ताक़त है, अब वक्त है की हम इस ताक़त को रोज़गार, तरक़्क़ी और नई उम्मीदों में तब्दील करें। जो लोग हमारे रहनुमा हैं या रहनुमाई करना चाहते हैं शुगर मिल के इंतज़ामिया से मिलकर ये तय करें की नए डिपार्टमेंट, नई मशीनरी, नया प्रोडक्शन प्लांट/ यूनिट्स कैसे लायें जिससे हर साल सैकड़ों लोगों को रोज़गार मिल सके ताकि हमारे लोग रोज़गार के लिए शहर ना छोड़ें, बल्कि लोग बाहर से यहाँ आयें।
क्यूंकि ये शहर सिर्फ़ एक ज़मीन का टुकड़ा नहीं, ये हमारी और हमारे बुज़ुर्गों की पहचान है। ये वो तारीक़ी बस्ती है जहाँ से भगत सिंह जी के एडवोकेट बैरिस्टर आसिफ़ अली ख़ान साहब हुए, मुजाहिद-ए-मिल्लत हिफ़्ज़ूर रहमान स्योहारवी साहब और मशहूर शायर जनाब हिलाल स्योहारवी साहब जैसे लोग हुए हैं, हमें सिर्फ़ तनक़ीद नहीं करनी, तामीर भी करनी है, ख़्वाब भी देखने हैं और रास्ता भी दिखाना है।”
Source: Facebook
📈 सोशल मीडिया पर मिल रहा ज़बरदस्त रिस्पॉन्स
सुबहान की इस पोस्ट को अब तक सैकड़ों लाइक्स और दर्जनों शेयर मिल चुके हैं। कई स्थानीय नागरिकों और युवाओं ने कमेंट कर इस विज़न को सराहा है और इसे “स्योहारा की नई सोच” बताया है।
जहाँ एक ओर यह पोस्ट युवाओं को सोचने पर मजबूर कर रही है, वहीं दूसरी ओर यह नगर निकाय चुनाव से पहले लोकल लीडरशिप की दिशा को भी प्रभावित कर सकती है।
✍️ क्या अब स्योहारा के विकास की स्क्रिप्ट युवा ही लिखेंगे?
इस सवाल का जवाब आने वाला वक्त देगा, लेकिन इतना तय है कि अगर नगर का युवा वर्ग इस सोच के साथ आगे आया, तो स्योहारा के कल को नई दिशा जरूर मिलेगी।

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